आदिकाल से वर्तमान युद्ध पद्धति के विकास की दिखेगी झलक, मिलेगी जानकारी

धर्मशाला। युद्ध संग्रहालय धर्मशाला इसी साल सैलानियों के लिए खोल दिया जायेगा। संग्रहालय में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अटल टनल का मॉडल भी रखा जाएगा, साथ ही आदिकाल से वर्तमान तक युद्ध पद्धति के विकास की जानकारी भी दी जाएगी। युद्ध संग्रहालय धर्मशाला का शिलान्यास 11 फरवरी 2014 को हुआ था, जबकि 9 अगस्त 2017 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इसका उद्घाटन कर दिया था।
विधानसभा में जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया है कि अभी संग्रहालय का कार्य चला हुआ है। इसी वित्त वर्ष में सैलानियों के लिए खोल दिया जायेगा।
अब तक 10 करोड़ रुपए खर्चे
मंत्री ने बताया कि युद्ध संग्रहालय के लिए दो चरणों में 11 करोड़ दो लाख 78 हजार रूपये की धनराशी जारी की गई है। पहले चरण में नौ करोड़ 87 लाख 78 हजार रूपये और दूसरे चरण में एक करोड़ 15 लाख रूपये जारी किए हैं। इसमें 10,26,98,462 रूपये खर्च हो चुके हैं, जबकि 75,79,538 रूपये शेष हैं।
यह है युद्ध संग्रहालय की खासियत
तीन मंजिल वाले युद्ध संग्रहालय में आर्मी, नेवी और वायुसेना के अलग –अलग इन्कलॉजर बनेंगे। इसमें आर्मी के गोरखा, पंजाब, ग्रेनेडियर, जैक रायफल, मैक्केनाइजड, आर्म्ड, डोगरा रेजिमेंटल इन्कलॉजर होंगे। इसके लावा 33 हथियार रखे जायेंगे और हथियारों को चलाते हुए मॉडल भी बनाये जायेंगे। फील्ड मार्शल और एयर मार्शल के बुत, नेवी और एयरफोर्स की ड्रेस सहित प्रदेश के छावनी बोर्ड के चित्र भी दर्शाए जायेंगे।