प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के तहत मामले उठाने से रोके जाने पर सत्ता पक्ष व विपक्ष में हुई तीखी नोक-झोंक

शिमला
विधानसभा के मानसून सत्र में सोमवार को फिर से हंगामा हुआ। सोलन से कांग्रेस विधायक डा.धनीराम शांडिल को प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के तहत मामला उठाने की अनुमति न मिलने से नाराज विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार के कहने पर पर भी विपक्ष के सदस्य शांत नहीं हुए और सत्ता पक्ष व विपक्ष में तीखी नोक-झोंक हो गई। तब सदन के भीतर दोनों ओर से तीखे शब्द-बाण चले।
विपक्ष के हंगामे के बाद सत्ता पक्ष की ओर से संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने मोर्चा संभाला। उन्होंने विपक्ष के रवैये पर आपत्ति जताते हुए कहा कि विपक्ष को इस रवैये के लिए माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि पहले भी एक बार वह सदन से निष्कासन का फल भुगत चुके है।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने पहले सत्तापक्ष के विधायक नरेंद्र ठाकुर और बाद में विपक्ष के विधायक धनीराम शांडिल को अपना पक्ष रखने का मौका दिया।
सोलन के विधायक डा.धनीराम शांडिल ने दिव्यांगों को सदन में मुख्यमंत्री से मिलने के लिए रोके जाने, उनकी पदोन्नति संबंधी मामले, तिरंगा यात्रा निकाले जाने और पैंशनरों से जुड़ी मांगों को उठाया।
प्वाइंट ऑफ आर्डर में गैर-जरूरी विषयों को उठाना सही नहीं: सीएम
इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहत गैर-जरूरी विषयों को उठाना सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल में आए सवालों को लेकर बाद में स्पष्टीकरण लिया जाना और एक साथ 2-3 विषयों को उठाना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा ऐसे विषयों को उठाने के लिए जब तक शून्यकाल या अन्य तरह की व्यवस्था नहीं की जाती , तब तक ऐसी अनुमति नहीं दी जा सकती।
अध्यक्ष ने पूछा: आपके दल का नेता कौन
विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी कांग्रेस से सवाल पूछते हुए कहा कि आपके दल का नेता कौन है। विपक्ष को पहले यह तय करके आना चाहिए कि किसको मामला उठाना है।
उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष की तरफ से मुख्यमंत्री अपना पक्ष रखते हैं, जबकि विपक्ष के बोलने पर नेता प्रतिपक्ष के अलावा तीन-चार सदस्य हाथ खड़े कर देते है।