Monday, May 29, 2023

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HomeHimachal Pradeshहिमाचल में गंभीर हो रही बेरोजगारी की समस्या

हिमाचल में गंभीर हो रही बेरोजगारी की समस्या

8.46 लाख बेरोजगारों में से 2 सालों में मात्र 28,661 को सरकारी क्षेत्र में मिला रोजगार

कोरोना के कारण सैकड़ों लोगों का रोजगार भी छिना

शिमला


हिमाचल में बेरोजगारी की समस्या प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। छोटे से राज्य हिमाचल प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारों का बढ़ता हुआ आंकड़ा परेशान कर रहा है।

राज्य सरकार द्वारा सोमवार को विधानसभा के पटल पर रखी गई जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 8,46,209 बेरोजगार है। इन्होंने अपने-आपको को प्रदेश के विभिन्न रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत करवा रखा है।

जिस गति से पुराने कर्मचारी रिटायर हो रहे है,उस तेजी से इन पदों को नहीं भरा जा रहा है। इससे बेरोजगारी की समस्या बढ़ती जा रही है। बीते दो सालों के दौरान सरकारी क्षेत्र में मात्र 28,661 लोगों को ही रोजगार मिल पाया है।


इनमें नियमित आधार पर मात्र 3,109 को नौकरी मिली है,जबकि अनुबंध आधार पर 17,390, दैनिक भोगी आधार पर 415 और आंशिक या आउटसोर्सिंग के माध्यम से 7747 को रोजगार दिया गया है।

खासकर आउटसोर्स कर्मियों को कभी बाहर किया जा सकता है। लिहाजा इनकी गिनती स्थाई रोजगार में नहीं होनी चाहिए। बेरोजगारी के यह आंकड़े 31 जनवरी 2020 तक के है।

कोरोना काल में बढ़ी संख्या में लोगों की नौकरियां गई है। खासकर दूसरे प्रदेशों में निजी क्षेत्रों में काम करने वाले सैंकड़ों लोग अब घर में बेरोजगार बनकर बैठे है।


उद्योगों में भी बड़ी संख्या में छंटनियों से लोगों का रोजगार गया है। इसी तरह सैंकड़ों ऐसे भी शिक्षित बेरोजगार बताए जा रहे है जिन्होंने अपने आपको को रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत नहीं करवा रखा है। जाहिर है कि सही आंकड़े सामने आने पर बेरोजगारों की संख्या और बढ़ जाएगी।


हिमाचल में शिक्षा के हिसाब से बेरोजगारों की संख्या
पोस्ट ग्रेजुएट         76318
ग्रेजुएट                   136517
प्लस टू                   404819
दसवीं पास             195548
दसवीं से कम         33007


फरवरी 2020 में 15.6 प्रतिशत तक पहुंच चुकी बेरोजगारी दर


सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमई) के आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल में फरवरी 2021 के दौरान बेरोजगारी दर 15.6 प्रतिशत के आंकड़े को छू चुकी है,जबकि बीते साल के संपूर्ण लॉकडाउन की वजह से मई महीने में बेरोजगारी दर ने 26.9 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर को छुआ था।

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