शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह व उनके समर्थकों ने रिज पर दिया धरना
सात सालों से आईजीएमसी में लंगर चला रहे थे बॉबी, प्रशासन ने अवैध बताकर हटाया



शिमला
आईजीएमसी में सर्बजीत सिंह बॉबी के लंगर को बंद करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में रविवार को शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह ने अपने समर्थकों और आम जनता के साथ मिलकर रिज पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के आगे धरना दिया।
उन्होंने सरकार पर लंगर में भी राजनीति करने के आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि समाज सेवा के काम में राजनीति बंद होनी चाहिए। इसलिए बंद किए गए अल्माईटी संस्था के लंगर को पुनः शुरू किया जाए।
बता दें कि एक रोज पहले आईजीएमसी प्रशासन ने लंगर स्थल को पुलिस व क्यूआरटी बुलाकर खाली करवाया और लंगर लगाने वाली संस्था का सारा सामान सड़क पर रख दिया।
इसके बाद सोशल मीडिया में लोगों में आईजीएमसी प्रशासन के खिलाफ जबरदस्त रोष देखा जा रहा हैं, क्योंकि प्रशासन ने लंगर को ऐसे वक्त में हटाया है जब इसे चलाने वाले सर्बजीत सिंह खुद चंडीगढ़ में अस्पताल में उपचाराधीन है।
बॉबी किडनी की बीमारी का ग्रसित है। वह बीते सात साल से आईजीएमसी में सुबह सात से रात 10 बजे तक नाश्ते से लेकर लंच व डिनर का इंतजाम कर रहे थे।
यहां हर रोज दो से तीन हजार लोग खाना खाते थे। इसी तरह सर्वजीत शिमला के अस्पतालों में ब्लड कैंप आयोजित करके रक्त का इंतजाम करते आए है।
सर्दियों में अस्पताल में मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों को कंबल व शीट का इंतजाम, लावारिस लाशों और जरूरतमंद लोगों के परिजनों के शवों को श्मशान तक पहुंचाने में भी मदद करते है।
आईजीएमसी के अलावा कमला नेहरू अस्पताल में भी सर्बजीत सिंह लंगर चला रहे है। यही वजह है कि सरकार और आईजीएमसी प्रशासन के खिलाफ जमकर लोगों का गुस्सा फूट रहा है।
वहीं आईजीएमसी प्रशासन ने उनके लंगर को अवैध बताकर बंद करवा दिया है। आईजीएमसी के एमएस डॉ.जनक राज का कहना है कि अस्पताल की प्रॉपर्टी पर कब्जा करने की मंशा से लंगर चलाया जा रहा था। इस मामले में कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।