एम्स दिल्ली से आए डॉक्टरों ने किया सफल ऑपरेशन

शिमला
हिमाचल के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) शिमला में दो साल बाद फिर से किडनी ट्रांसप्लांट शुरू हो गया है। दिल्ली एम्स से आए डॉक्टरों की टीम ने सोमवार को दो मरीजों का सफ़ल किडनी ट्रांसप्लांट किया। पहले ट्रांसप्लांट में करीब 4.30 घंटे का वक़्त लगा।
दोपहर बाद दूसरा ट्रांसप्लांट शुरू हुआ, जो शाम सात बजे तक चला। एम्स के विशेषज्ञ डॉ. वीके बंसल और उनकी टीम का दावा है कि दोनों मरीजों के ट्रांसप्लांट सफल रहे है। इस दौरान आईजीएमसी शिमला के डॉक्टर भी मौजूद रहे। पहला ऑपेरशन चंबा के 28 वर्षीय विनोद कुमार का किया गया।
विनोद को सुबह सवा सात बजे ऑपेरशन थिएटर ले जाया गया। विनोद को उनके पिता शंकर सिंह ने अपनी किडनी दान की। विनोद का ऑपरेशन पूरा होने के बाद चिकित्सकों ने उन्हें काफी देर तक ऑब्जर्वेशन में रखा। दूसरा ऑपेरशन करसोग के गवालपुर गांव के बलदेव (33 वर्षीय) का किया गया। बलदेव को भी उनके पिता मानसिंह ने अपनी किडनी दान की है।
12 अगस्त 2019 को पहला किडनी ट्रांसप्लांट
आईजीएमसी में अब तक पांच की किडनी ट्रांसप्लांट हो चुकी हैं, लेकिन कोरोना काल में करीब पौने 2 साल से यहां कोई किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो सका। 12 अगस्त 2019 को यहां पहला किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था।
आईजीएमसी शिमला में नियमित तौर पर किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होने के बाद राज्य के लोगों को इसके लिए चंडीगढ़ व दिल्ली का रुख नहीं करना पड़ेगा।