हिमाचल विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए बोले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
वर्ष 1971 में राज्य में प्रति व्यक्ति आय 651 रुपये अब बढ़कर एक लाख 95 हजार हुई: सीएम


शिमला । टी एन आर
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हिमाचल को देश का सिरमौर बनाने का आह्वान किया। हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती समारोह के उपलक्ष्य पर शुक्रवार को विधानसभा के विशेष सत्र में उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत लोगों को कोरोना की पहली वैक्सीन लगाकर देशभर में हिमाचल ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
इस अवसर पर उन्होंने हिमाचल निर्माता एवं प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ वाईएस परमार और देश के पहले मतदाता किन्नौर के श्याम सरण नेगी, कांशीराम, पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार और प्रेम कुमार धूमल, पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा, कारगिल शहीद कैप्टन ब्रिकम बतरा को भी याद किया।
उन्होंने मौजूदा मानसून सीजन के दौरान प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि हम हिमाचल प्रदेश के 50 वर्षों के स्वर्णिम वर्षां की यात्रा के इस महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बने हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश कोे राष्ट्रपति का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है, जो राज्य के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र और लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों का मन्दिर है।
जनप्रतिनिधि लोगों के विचारों और उनकी आकांक्षाओं को विधानसभा के समक्ष रखते हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा को सकारात्मक चर्चा का केन्द्र माना जाता है और विचार-विमर्श के माध्यम से ही सकारात्मक परिणाम हासिल किए जाते हैं।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि यह प्रदेश के लिए बहुत गौरव की बात है कि इस वर्ष को राज्य के स्वर्णिम जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद इस पहाड़ी राज्य की 50 वर्षों की यात्रा गौरवशाली और उपलब्धियों से भरी हुई रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1971 में राज्य में प्रति व्यक्ति आय 651 रुपये थी जो वर्तमान में बढ़कर एक लाख 95 हजार हो गई है।
इसी प्रकार वर्ष 1971 में प्रदेश में सड़कों की लम्बाई 7370 किलोमीटर थी जबकि आज यहां 37,808 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों का नेटवर्क है।
वर्ष 1971 में प्रदेश में केवल 4945 शौक्षणिक संस्थान थे जबकि वर्तमान में इनकी संख्या 15000 से अधिक हो गई है।
आज प्रदेश में एम्स, आईआईएम, आईआईआईटी जैसे कई राष्ट्रीय स्तर के उत्कृष्ट संस्थान हैं। प्रदेश ने इन वर्षों के दौरान कृषि और बागवानी क्षेत्र में आभूतपूर्व विकास किया है।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह विधानसभा देश की पहली कागज रहित विधानसभा है। प्रदेश के विकास में डाॅ. परमार और वीरभद्र सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है जो अधिकतम समय तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने अपने अभिभाषण से प्रदेश विधानसभा की शोभा बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया।