विकास की खुली पोल : सड़क न होने पर चारपाई पर अस्पताल लाई जा रही गर्भवती ने जंगल में जन्मा बच्चा

धर्मशाला । टीएनआर
बेहतर सड़क नेटवर्क के लिए जाने जाते हिमाचल के हमीरपुर जिले में पक्की सड़क न होने पर मजबूरन जंगल के रास्ते में महिला का प्रसव करवाने की घटना ने विकास के दावों की पोल खोल दी है।
मामला केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर के गृह जिले के विकास खंड बिझड़ी की पथल्यार पंचायत के शुगल गांव का है।
गांव तक सड़क सुविधा न होने के कारण बीते वीरवार को गर्भवती महिला का प्रसव बीच जंगल में ही करवाना पड़ा।
इसके बाद जच्चा और बच्चा को गांव के युवकों अश्वनी कुमार, दीपू, पंकज राधाकृष्ण आदि ने करीब डेढ़ किलोमीटर तक चारपाई पर उठाकर सिंघवीं गांव में मुख्य सड़क तक पहुंचाया, जहां से दोनों बड़सर अस्पताल पहुंचाए गए।
गांव तक कच्चा रास्ता, नहीं पहुंच सकते वाहन शुगल गांव निवासी गर्भवती महिला नेहा ठाकुर को घर पर प्रसव पीड़ा शुरू हो गई।
परिजन उसे बड़सर अस्पताल लेकर जाने लगे, लेकिन गांव तक रास्ता कच्चा व खस्ताहाल होने के चलते वाहन आना नामुमकिन है।
बरसात के कारण सड़क बह गई है। परिजनों ने युवाओं की मदद से महिला को चारपाई पर उठाकर सड़क तक पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन रास्ते में पड़ते जंगल में ही महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई।
परिजनों ने गांव की आशा वर्कर को फोन किया तो वह मौके पर पहुंच गई व जंगल में ही महिला का सफल प्रसव करवाया।
बीएमओ बड़सर डॉ. एचआर कालिया ने बताया कि आशा वर्कर सुषमा शर्मा ने महिला का सफल प्रसव करवाया। मां और बच्चा अस्पताल में उपचाराधीन हैं और दोनों स्वस्थ हैं।