Sunday, May 28, 2023

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HomeHimachal Pradeshअब जेल में आजीविका कमाने के गुर सीखेंगे केदी

अब जेल में आजीविका कमाने के गुर सीखेंगे केदी

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मॉडल प्रिजन मैनुअल-2021 जारी किया

शिमला

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को ओक-ओवर में हिमाचल प्रदेश मॉडल प्रिजन मैनुअल-2021 को जारी किया। यह मॉडल प्रिजन मैनुअल कारागार बंदियों के सुधार और पुनर्वास में सहायता करेगा।

जेल बंदी अपनी कारावास अवधि के दौरान नए व्यावसायिक कौशल सीखेंगे। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रशिक्षण के बाद कारावास से रिहा होने के बाद वे आसानी से अपनी आजीविका अर्जित कर अपने परिवार की सहायता कर सकेंगे।

फिर से अपराध की राह पर चलने के बजाय पुनर्वास के बाद समाज का हिस्सा बन आदर्श नागरिक के रूप में देश की सेवा करेंगे।जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल के कारागारों में नई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की जाएगी, जिसमें कैदियों को उनके कौशल, क्षमता और इच्छा के अनुसार आजीविका कमाने के लिए कार्य और प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता लाने के लिए सभी कारागारों को कम्प्यूटरीकृत किया जाएगा। सभी जेलों का प्रबंधन ई-प्रिजन सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा, जिन्हें आईसीजेएस प्रणाली के माध्यम से अदालतों, पुलिस और फोरेंसिक विज्ञान विभागों से जोड़ा जाएगा।
राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए तैयार किया नया जेल मैनुअलमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष-2020 में आयोजित डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रत्येक राज्य को एक आदर्श राज्य जेल नियमावली बनाने का निर्देश दिए थे।

इसके बाद राज्य पुलिस ने आदर्श जेल नियमावली का मसौदा तैयार किया। राज्य में अभी हिमाचल प्रदेश जेल मैनुअल-2000 जो 21 साल पुराना है।

नया जेल मैनुअल में राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों, खान-पान और जलवायु परिस्थितियों के अनुसार कुछ संशोधन किए गए हैं।

नई आधुनिक तकनीक और उपकरणों का किया जा रहा उपयोगः डीजीपी 

पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य की जेलों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए नई आधुनिक तकनीक और उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।


राज्य में 2 केंद्रीय, 9 जिला और 3 उप-जेलः एडीजी   अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस कारागार एवं सुधार सेवाएं एन. वेणुगोपाल ने कहा कि कारागार कर्मचारियों को इस नई जेल नियमावली के प्रावधानों के सुचारू एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जेलों में कैदियों का डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जाएगा ताकि पैरोल, फरलो आदि के दौरान उन पर कड़ी निगरानी रखी जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य में 14 जेल हैं, जिनमें 2 केंद्रीय जेल, 9 जिला जेल और 3 उप-जेल हैं।

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