Monday, May 29, 2023

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मंडी उपचुनाव : भाजपा ने अभी नहीं खोले पत्ते, कांग्रेस सहानुभूति कार्ड के सहारे

सौरभ सूद
शिमला । टीएनआर

हिमाचल में मंडी लोकसभा व तीन विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव भाजपा की जयराम सरकार की लोकप्रियता का लिटमस टेस्ट होंगे। मंडी लोकसभा सीट के उपचुनाव में खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की साख दांव पर लगी है, चूंकि मंडी जयराम ठाकुर का गृह जिला है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में मंडी, कुल्लू, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और चंबा जिलों के 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। यह सीट 2 बार के सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद से खाली पड़ी है। भाजपा सरकार ने मंडी उपचुनाव की तैयारी बहुत पहले से शुरू कर रखी है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बीते 2 महीनों से कोरोना की स्थिति के बावजूद इस लोकसभा क्षेत्र की कमोबेश हर एक विधानसभा का दौरा कर चुनावी लाभ के लिए करोड़ों के उद्घाटन-शिलान्यास करने में व्यस्त रहे। यहां तक कि एक-एक दिन में 50 से 55 परियोजनाओं का ऐलान तक किया। मंगलवार को भी वे किन्नौर के दौरे पर जा रहे थे, जब भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की। मंडी में भाजपा ने अभी तक उम्मीदवार को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
हालांकि जलशक्ति मंत्री महेंद्र ठाकुर, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर, ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर व युवा नेता पंकज शर्मा के नाम चर्चा में हैं। उधर, कांग्रेस अपने दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की धर्मपत्नी प्रतिभा सिंह को उम्मीदवार बनाकर सहानुभूति कार्ड खेलना चाहती है। जिला मंडी कांग्रेस प्रतिभा के नाम का प्रस्ताव भी आलाकमान को भेज चुकी है। प्रतिभा सिंह 2014 में रामस्वरूप शर्मा से भारी अंतर से चुनाव हार गई थीं जबकि उन्होंने 2019 में चुनाव नहीं लड़ा था।

हाल ही में उन्होंने अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह के साथ दिल्ली में पार्टी नेताओं से भी मुलाकात की है। संकेत यही हैं कि वह मंडी उपचुनाव में उतरने को तैयार हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पत्र लिखकर दिल्ली में मुुलाकात का समय भी मांगा है।
प्रतिभा सिंह को उम्मीदवार बनाने से कांग्रेस में एकजुटता की उम्मीद हैं। हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम अपने पोते आश्रय शर्मा के लिए एक बार फिर लॉबिंग कर रहे हैं। प्रतिभा सिंह की उम्मीदवारी भाजपा के लिए मंडी में बड़ी चुनौती होगी।

जुब्बल कोटखाई सीट में ये हैं समीकरण

जुब्बल कोटखाई में कांग्रेस एक बार फिर रोहित ठाकुर पर दांव खेलने को तैयार हैं जबकि यहां से दिवंगत भाजपा विधायक नरेंद्र बरागटा के बेटे व बीजेपी आईटी सेल के प्रभारी चेतन बरागटा टिकट के लिए जोरदार लॉबिंग कर रहे हैं। भाजपा जीत के लिए सहानुभूति कार्ड खेल सकती है, लेकिन वंशवाद भी एक मुद्दा बन सकता है। अब तक चेतन बरागटा जुब्बल कोटखाई से ज्यादा शिमला शहर में सक्रिय थे। लेकिन बीते 2 माह से वे जुब्बल कोटखाई में जनसम्पर्क अभियान में जुटे हैं।

फतेहपुर : दोनों दलों में चल रहे कई नाम

जिला कांगड़ा की फतेहपुर विधानसभा सीट पर भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों में कई नाम चल रहे हैं। कांग्रेस में दिवंगत विधायक सुजान सिंह पठानिया के पुत्र भवानी सिंह पठानिया आलाकमान की पहली पसंद हैं । उनके नाम पर पार्टी को सहानुभूति वोट मिलने की पूरी आशा है, लेकिन पार्टी में कुछ स्थानीय नेताओं ने परिवारवाद के खिलाफ विरोध के स्वर बुलन्द किए हैं। इससे बेपरवाह भवानी फील्ड में लगातार जुटे हुए हैं। भाजपा में पूर्व प्रत्याशी कृपाल परमार के अलावा बलदेव ठाकुर सहित एक-दो और नाम चर्चा में हैं।

अर्की : भाजपा गुटबाजी के भंवर में

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद खाली हुई सोलन जिला की अर्की विधानसभा सीट पर भाजपा गुटबाजी में उलझी पड़ी है। पूर्व विधायक गोविंद राम ठाकुर टिकट के लिए ताल ठोक रहे हैं, लेकिन पार्टी की पसंद पूर्व प्रत्याशी रतन चंद पाल बताए जा रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस में उम्मीदवार को लेकर कोई दुविधा नहीं है।

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