राज्य सचिवालय में शुरू हुआ मंथन, नियमों में किया जा रहा बदलाव

शिमला | टीएनआर
राजस्व विभाग के निचले स्तर के अधिकारियों को भी प्रॉपर्टी की ऑनलाइन रिटर्न भरना अनिवार्य किया जा सकता है। इसे लेकर राज्य सचिवालय में मंथन शुरू हो गया है। इसे अनिवार्य करने से पहले नियमों में संशोधन की कवायद शुरू हो गई है। इसके बाद तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो और पटवारी को भी रिटर्न भरनी होगी। फिलहाल आईएएस और आईएफएस अधिकारी को ही अपनी चल व अचल संपत्ति की सालाना जानकारी देनी होती है। सरकार की मुहिम सिरे चढ़ी तो राजस्व विभाग के निचले स्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों को हर साल अपनी संपत्ति का ऑनलाइन ब्यौरा देना होगा।
दरअसल राजस्व विभाग में हर साल भ्रष्टाचार के मामले बढ़ते जा रहेे हैं। विजिलेंस हर वर्ष कई राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों को रंगे हाथ रिश्वत के साथ गिरफ्तार कर रही है। कई बार तो छोटी छोटी रकम के लिए भी इन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। इससे विभाग की छवि खराब हो रही है। राजस्व कर्मियों पर आरोप लगते रहे हैं कि निशानदेही, तक्सीम, रजिस्ट्री, इंतकाल इत्यादि के नाम पर रिश्वत मांगते हैं। इसे देखते हुए सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को ध्यान में रखते हुए राजस्व कर्मियों के लिए रिटर्न भरने की व्यवस्था करने जा रही है।
राजस्व विभाग को जल्द मिलेंगे 1200 पटवारी
हिमाचल के राजस्व विभाग को जल्द 1200 से अधिक पटवारी मिलने वाले हैं। इन दिनों इनका प्रशिक्षण चल रहा है। 20 सितंबर को प्रशिक्षु पटवारियों की ट्रेनिंग पूरी होगी। इसके बाद इन्हें तैनाती दे दी जाएगी। इससे राज्य में पटवारियों की किल्लत खत्म होगी। वर्तमान में कई पटवारी दो-दो पटवार सर्कल का काम देख रहे हैं। इससे सरकारी कामकाज में बाधा आ रही है और लोगों के काम समय पर नहीं हो पा रहे हैं।