किसानों ने प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में किया प्रदर्शन
तीनों कृषि कानून वापस लेने, एमएसपी की गारंटी देने और चार लेबर
कोड को वापस लेने की मांग उठाई

शिमला
हिमाचल किसान सभा ने सोमवार को प्रदेश में जगह-जगह धरना प्रदर्शन किया। भारत छोड़ो आन्दोलन की 80वीं वर्षगांठ पर किसानों ने मोदी गद्दी छोड़ो का नारा दिया।
अखिल भारतीय संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर धरने के दौरान किसानों ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने, किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम मूल्य देने की गारंटी, मजदूर विरोधी चार लेबर कोड को निरस्त करने की मांग उठाई।
शिमला में प्रदर्शन के बाद किसानों ने इसे लेकर एपीएमसी चेयरमैन नरेश शर्मा के माध्यम से एक ज्ञापन राष्ट्रपति को प्रेषित किया।
टमाटर और फूलगोभी का नकली बीज देने वाली कंपनी पर कार्रवाई की मांग
किसानों ने टमाटर और फूलगोभी के नकली बीज किसानों को देने वाली कंपनियों पर कार्रवाई की मांग की है, क्योंकि इससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।
सोलन और शिमला जिला के कई क्षेत्रों में किसानों को टमाटर का नकदी बीज दिया गया है, जबकि ठियोग क्षेत्र की दैहना, चियोग, नाला, धरेच, नाहौल, टियाली सहित कई पंचायतों में फूलगोभी का गलत बीज किसानों को दिया गया है। इससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।
महंगाई नियंत्रित करने का भी उठाया मुद्दा
शिमला की ढली मंडी में प्रदर्शन करते हुए सेब सीजन के दौरान बागवानों से एपीएमसी की मंडियों में हो रही धोखाधड़ी को रोकने की मांग की गई।
इस दौरान किसान सभा ने बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाने, खाद्य वस्तुओं, पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमतों को नियंत्रित करने, राशन व्यवस्था का सार्वभौमिकरण करने का भी मांग उठाई।
मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में यह उठाई मांग
प्रदर्शन के बाद किसान सभा ने एक ज्ञापन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सौंपा।
इसमें सीएम से सेब और दूसरी फसलों को बर्फबारी से हुए नुकसान का जल्द मुआवजा देने, कोरोना के कारण फूल उत्पादकों के नुकसान की भरपाई करने, बीज प्रमाणीकरण की व्यवस्था करने, एंटी हेल नेट और अन्य कृषि उपकरणों पर सालों से लटकी हुई सब्सिडी जारी करने, सड़कों की दुर्दशा सुधारने, मंडियों में पार्किंग का निर्माण करने की मांग उठाई है।