विधानसभा में बोले मुख्यमंत्री : लंबित मामले निपटाने को मुख्य सचिव के नेतृत्व में बनेगी कमेटी

शिमला। हिमाचल सरकार के विभिन्न विभागों में करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नौकरियों के लंबित मामले निपटाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। इन नौकरियों के लिए निर्धारित पांच फीसदी वाला कोटा बढ़ाने, एकमुश्त नौकरियां देने और आय सीमा को लेकर कमेटी पुनर्विचार करेगी। शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के सवाल पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह जानकारी दी।
2019 के बाद कुल 2779 मामले लंबित
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने करुणामूलक आश्रितों के हितों को देखते हुए सात मार्च 2019 को संशोधित नीति जारी की है। सरकार के पास करुणामूलक आधार पर कुल 2779 मामले लंबित हैं। सभी विभागों को नीति के अनुरूप करुणामूलक आधार पर उपलब्ध रिक्त पद प्राथमिकता पर भरने के निर्देश दिए गए हैं।
2018 से अब तक 706 को नौकरी
जनवरी 2018 से जनवरी 2021 तक 706 नियुक्तियां की गई हैं। पहले करुणामूलक नौकरी तभी मिलती थी, अगर सेवाएं देते हुए किसी की मौत 50 वर्ष की आयु तक होती थी। इसमें मानवीय दृष्टिकोण नहीं था। सरकार ने संशोधन किया कि यदि नौकरी के अंतिम दिन भी किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है तो उसके परिजन भी करुणामूलक आधार पर नौकरी के पात्र होंगे। आय सीमा 2.50 लाख रुपये की है। जुलाई 2019 तक नौकरियों के 4040 मामले लंबित थे। अब मामले 2779 रह गए हैं। विभागों में भरे जाने वाले कुल पदों का पांच फीसदी कोटा इन नौकरियों के लिए रखा गया है