जुलाई 2021 में 289.1 एमएम बारिश की गई दर्ज,साल 2005 में हुई थी 309.3 एमएम बारिश
कुल्लू जिला में सामान्य से 90 प्रतिशत अधिक बरसे मेघ
पिछले 15 सालों में जुलाई महीने के दौरान हर बार सामान्य से कम बरसे बादल

शिमला
हिमाचल प्रदेश में इस बार बरसात के दौरान रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है। प्रदेश में 15 साल बाद जुलाई महीने में 289.1 मिलीमीटर एमएम बारिश दर्ज की गई है।
इससे पहले जुलाई 2005 में 309.3 एमएम बारिश हुई थी।प्रदेश के 12 जिलों में से कुल्लू में सबसे अधिक मेघ बरसे है। कुल्लू में सामान्य से 90% अधिक बारिश दर्ज की गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक कुल्लू जिला में सामान्य बारिश 172.7 एमएम की तुलना में 327.6 एमएम बारिश हुई है। इससे जिला में जान व माल का काफी नुकसान हुआ है।
कुल्लू के बाद हमीरपुर और कांगड़ा जिला में भी सामान्य से अधिक बारिश हुई है। इससे खासकर कांगड़ा जिला में बहुत ज्यादा तबाही हुई है।
बिलासपुर, मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर और ऊना जिला में सामान्य बारिश हुई है। लाहौल स्पीति और चंबा जिला में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है।
15 सालों में हर बार सामान्य से कम बरसे मेघ
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में पिछले 15 सालों के दौरान हर साल सामान्य से कम बारिश हुई है।
2006 में सामान्य से 24% कम, 2007 में 46% कम, 2008 में 37%, 2009 में 40%, 2010 में 10%, 2011 में 45%, 2012 में 31%, 2013 में 29%, 2014 में 31%, 2015 में 21%, 2016 में 38%, 2017 में 30%, 2018 में 22%, 2019 में 22% और 2020 में सामान्य से 27% कम बारिश हुई है, जबकि इस बार हिमाचल में सामान्य से जुलाई महीने में 6% ज्यादा बारिश हो चुकी है।
कुल्लू में 90 प्रतिशत अधिक बारिश
कुल्लू जिला में सामान्य से 90% अधिक, हमीरपुर में 25%, कांगड़ा में 32%, मंडी में 16%, शिमला में 15%, ऊना में 2%, ज्यादा बारिश हुई, जबकि बिलासपुर में 1% किन्नौर में 6%, लाहौल स्पीति में 50%, चंबा में 32%, सोलन 14% और सिरमौर में सामान्य से 13% कम बारिश हुई है।
अभी राहत मिलने वाली नहीं
अमूमन हिमाचल में बरसात लंबी चलती है। कई बार तो 15 सितंबर तक भी बरसात का दौर चलता है। ऐसे में अभी बारिश से प्रदेशवासियों को राहत मिलती नहीं दिख रही है।
इससे आने वाले दिनों में और नुकसान देखने को मिल सकता है।
632 करोड़ की संपत्ति तबाह
अब तक की बरसात 632.48 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो गई है। भारी बारिश के कारण प्रदेशभर में अब तक 640 कच्चे व पक्के मकानों और 451 गौशालाओं को नुकसान हो चुका है।
बरसात के दौरान 21 लोगों की मौत भूस्खलन के कारण, 9 की बाढ़ में बहने और 19 की मौत पानी में डूबने के कारण हो चुकी है, जबकि 12 लोग अभी भी लापता है। इसी तरह लोगों के 436 पालतू मवेशी भी इन आपदाओं में मारे गए हैं।