हिमाचल विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए की गई स्थगित

शिमला
हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार को संपन्न हो गया है। इसी के साथ विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई। 10 दिन चले सत्र के आखिरी दिन विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार के इस्तीफे की मांग पर अड़ा विपक्ष सदन के बाहर रहा। विपक्ष का आरोप है कि विधानसभा अध्यक्ष ने उनके सदस्यों को सदन में बोलने का अवसर नहीं दिया।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि खबरों में सुर्खियां बटोरने के लिए पूरे सत्र के दौरान कांग्रेस ऐसा करती रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के खिलाफ नारेबाजी करना तो समझ आता है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ कांग्रेस का नारेबाजी करना अलोकतांत्रिक है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए नोटिस देकर आसन को ठेस पहुंचाई है। विपक्ष का ऐसा व्यवहार स्वीकार्य नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोंग्रेस एक बिखरा हुआ कुनबा है। विपक्ष के पास कोई नेता न होने से सदन के भीतर इस तरह का व्यवहार किया गया। विपक्ष का नेता बनने की कोशिश में कांग्रेस के हर सदस्य उछल उछल कर खड़े हो जाते हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष हमला बोलते हुए कहा कि मुकेश अग्निहोत्री को लगता है कि ज्यादा और अनावश्यक बोलने से वह बड़े नेता बन जाएंगे।
बड़े नेता बनने के लिए विषय पर बोलना होता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सदन में नियम और शब्दों की मर्यादा को तोड़ा है।
खालिस्तानी समर्थक पन्नू को दी चेतावनी
मुख्यमंत्री ने खालिस्तानी समर्थक पन्नू को चेतावनी देते हुए कहा कि वह स्वयं तो झंडा फहराएंगे ही साथ में उनके सभी मंत्री और प्रदेश के हर घर में 15 अगस्त को तिरंगा फहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम पूरे प्रदेश में आजादी का महोत्सव जोर शोर से मनाएंगे।