किसान सभा ने 30 अगस्त को शिमला में बुलाया अधिवेशन
उपरी शिमला में भी आदानी के स्टोर के बाहर धरने की तैयारी में किसान सभा

शिमला | टी एन आर
आदानी समूह द्वारा सेब के कम दाम तय करने के मामले में बागवानों में रोष पनपता जा रहा है। किसान सभा ने 30 अगस्त को शिमला में अधिवेशन बुलाया है।
इसमे सरकार और आदानी के खिलाफ सेब के कम दाम को लेकर आंदोलन की आगामी रणनीति तय की जाएगी। ऊपरी शिमला के अलग-अलग क्षेत्रों में भी किसान सभा आदानी के बिथल, सैंज और रोहड़ू स्थित सीए स्टोर के घेराव की रणनीति को अंतिम रूप दे रही है।
किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण आज बागवानों को सेब का लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है और आदानी मनमाने रेट तय करके बागवानों का शोषण कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आदानी ने जो रेट 10 साल पहले बागवानों को दिया था,वहीं रेट इस बार बागवानों को दिया गया है, जबकि 10 सालों में इनपुट कॉस्ट में 100 गुणा इजाफा हुआ है।
किसान सभा के महासचिव डॉ. ओंकार शाद ने कहा कि सरकार के संरक्षण से निजी घराना बागवानों को लूट रहा है। इसके खिलाफ किसान सभा निर्णायक लड़ाई लड़ने को तैयार है।
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि निजी घराने की लूट को नहीं रोका गया तो सरकार के खिलाफ भी बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
उन्होंने कहा सरकार द्वारा सब्सीडी खत्म करने के बाद बागवान ओपन मार्केट से 30 से 40 फीसदी अधिक दाम पर दवाईयां खरीदने को मजबूर है।
इसी तरह मई अप्रैल व मई महीने के दौरान ओलावृष्टि ने बागवानों की कमर तोड़कर रख दी है। अब रही सही कसर दाम पूरा कर रहे है। मंडियों में मिल रहे आदानी से अच्छे रेटः चौधरी
हिमाचल प्रदेश आढ़त एसोसिएशन के अध्यक्ष एनएस चौधरी ने कहा कि आदानी से अच्छे रेट ओपन मंडियों में मिल रहे है।
उन्होंने कहा कि ओपन मंडियों में प्रीमियम सेब अधिकतम औसत 85 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है, जबकि आदानी के पास औसत रेट 52 से 58 रुपए तक मिल रहे है। उन्होंने प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि आदानी पर दबाव बनाया जाए और सेब के रेट को बढ़ाया जाए।