शिमला में पर्यावरण कानूनों को लेकर स्टेक-होल्डर विभागों की आयोजित की गई कार्यशाला


शिमला
एचपीपीसीबी यानी हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पर्यावरण कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर शनिवार को सभी हितधारक विभागों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त एवं कार्मिक विभाग प्रबोध सक्सेना ने पर्यावरण नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने को कहा।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए मानवीय व्यवहार में बदलाव आवश्यक है। उन्होंने राज्य के लोगों की उच्चतम शैक्षणिक, आर्थिक और जागरूकता स्तर को देखते हुए कहा कि हिमाचल में पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन के क्षेत्र में देश में आदर्श राज्य बनने की क्षमता है।
प्रबोध सक्सेना ने कहा कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए अपशिष्ट नियमों की पुनः: समीक्षा करते हुए सभी श्रेणियों के नियमों जैसे नगरपालिका ठोस कचरा अपशिष्ट, प्लास्टिक अपशिष्ट, ई-कचरा, जैव चिकित्सा अपशिष्ट, परिसंकटमय और अन्य अपशिष्ट, निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट के प्रबंधन सेे संबंधित सभी नियमों को हाल ही में संशोधित किया है।
संशोधित नियमों के प्रभावी कार्यान्वयन से राज्य में प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा। उन्होंने पर्यावरण कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जिला व क्षेत्रीय स्तर पर इस तरह की कार्यशालाएं करने को कहा।
पर्यावरण कानूनों के कार्यान्वयन में नहीं बरती जाएगी ढिलाईः – देवगन एचपीपीसीबी के सदस्य सचिव अपूर्व देवगन ने कहा कि पर्यावरण नियमों में उद्योगों, शहरी स्थानीय निकायों, स्वास्थ्य संस्थानों, जिला प्रशासन, राज्य सरकार एवं प्रदूषण नियंत्रण बोडऱ् के कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व स्पष्ट रेखांकित है।
यही वजह है कि सभी हितधाराकों द्वारा पर्यावरण की गुणवत्ता में वांछित सुधार हासिल करने और पर्यावरण कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए समन्वित प्रयास की जरूरी है।
उन्होंने कहा कि पीसीबी द्वारा पर्यावरण कानूनों के कार्यान्वयन में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।