छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशक को ज्ञापन सौंपकर निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने की मांग उठाई



शिमला | टी एन आर
हिमाचल प्रदेश छात्र अभिभावक मंच ने निजी स्कूलों की भारी फीसों, मनमानी लूट व फीस वृद्धि पर रोक लगाने की मांग को लेकर बुधवार को उच्च शिक्षा निदेशालय के बाहर पर प्रदर्शन किया।
इस दौरान अभिभावकों का एक प्रतिनिधिमंडल उच्च शिक्षा निदेशक से मिला व उन्हें सात सूत्रीय मांग-पत्र सौंपा।मंच के राज्य संयोजक विजेंद्र मेहरा कहा है कि प्रदेश सरकार की नाकामी व उसकी निजी स्कूलों से मिलीभगत के कारण निजी स्कूल लगातार मनमानी कर रहे हैं।
कोरोना काल में भी निजी स्कूल टयूशन फीस के अलावा एनुअल चार्जेज़,कम्प्यूटर फीस,स्मार्ट क्लास रूम, मिसलेनियस, केयरज़, स्पोर्ट्स, मेंटेनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, बिल्डिंग फंड,ट्रांसपोर्ट व अन्य सभी प्रकार के फंड व चार्जेज़ वसूल रहे हैं।
निजी स्कूलों ने बड़ी चतुराई से वर्ष 2021 में कुल फीस के अस्सी प्रतिशत से ज़्यादा हिस्से को टयूशन फीस में बदल कर लूट को बदस्तूर जारी रखा है।
जो अभिभावक कोरोना काल में रोज़गार छिनने पर फीस नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें प्रताड़ित करने के लिए हर दिन उनसे सौ रुपए लेट फीस वसूलने, बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं व स्कूल से निकालने की धमकियां दी जा रही हैं।
उन्होंने कहा है कि फीस वसूली के मामले पर वर्ष 2014 के मानव संसाधन विकास मंत्रालय व 5 दिसम्बर 2019 के शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशों का निजी स्कूल खुला उल्लंघन कर रहे हैं व इसको तय करने में अभिभावकों की आम सभा की भूमिका को दरकिनार कर रहे हैं।
निजी स्कूल अभी भी एनुअल चार्जेज़ की वसूली करके एडमिशन फीस को पिछले दरवाजे से वसूल रहे हैं व हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के वर्ष 2016 के निर्णय की अवहेलनाकर रहे हैं जिसमें उच्च न्यायालय ने सभी तरह के चार्जेज़ की वसूली पर रोक लगाई थी।
उन्होंने ऐसे स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जल्द सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। ऐसा न करने पर छात्र अभिभावक मंच ने आंदोलन को उग्र करने की भी चेतावनी दी है।