साइबर पुलिस ने निजी जानकारी साझा न करने की अपील की

शिमला
कोरोना महामारी के कारण बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे है। इसलिए साइबर ठग स्कूली बच्चों को निशाना बना रहे है। जालसाज़ बच्चों को व्हाट्सएप पर एसएमस भेजकर निजी जानकारी साझा करने के लिए जाल बिछा रहे है और निजी जानकारी साझा करने को कह रहे है।
इसे देखते हुए साइबर पुलिस ने लोगों को आगाह किया है कि ऐसे किसी फ़र्ज़ी लिंक या वेबसाइट पर निजी जानकारी साझा न करें।
इस मैसेज के साथ एक लिंक भी दिया गया है, जिसमें इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आवेदन करने वाले को अपनी निजी डिटेल भरने के लिए कहा जा रहा है।
ऐसे में यदि आप इस लिंक पर अपनी निजी डिटेल भरते हैं तो आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो सकते है। साइबर ठग इस मैसेज को व्हाट्सएप्प पर वायरल कर आगे से आगे भेजने की अपील कर रहे हैैं।
साइबर पुलिस की जांच में निकला फर्जी व वायरस युक्त मैसेज
एक मामले की जांच के बाद सायबर थाना शिमला ने जांच की तो पता चला कि लिंक के साथ अटैच की गई फाईल में कई फर्जी फ़ाइल मौजूद है।
URL को ध्यान से पढ़ें:
यदि यह एक ऐसी वेबसाइट है जिसका आप अक्सर उपयोग करते हैं, तो सीखें की क्या URL की स्पेलिंग सही है? कई बार, फ़िशर उस साइट की स्पेलिंग के लगभग समान वेबसाइट सेट करते हैं, जिस पर आप जाने का प्रयास कर रहे होते हैं। ऐसे में एक गलत स्पेलिंग आपको फर्जी साइट पर ले जा सकती है।
यदि लिंक सही प्रतीत होता है तो अपने विवेक का उपयोग करें व अन्य उपयोगकर्ताओं की समीक्षाएं या चेतावनियां खोजने के लिए कुछ शोध करें। किसी भी लिंक के प्रॉपर्टीज की जाँच करें।
हाइपरलिंक पर राइट-क्लिक करने और “प्रोपर्टीज” का चयन करने से लिंक की वास्तविकता का पता चल जाएगा। यह जांचे की क्या यह उस चीज़ से अलग दिखता है जिस पर उसने आपको ले जाने का दावा किया था?
साइबर अपराधी ठगी करने के मक़सद से भेज रहे मैसेज: आईजी
आईजी सीआईडी क्राइम अतुल फुलजले का कहना है कि लोगों को भेजा जा रहा उपरोक्त मेसेज व लिंक्स केवल साइबर अपराधियों द्वारा ठगी के उदेश्य से भेजना पाया गया है।
ऐसे में इन मेसेज पर भरोसा न करें और न ही इनके लिंक खोलें। ऐसा करने से आप ठगी के शिकार हो सकते हैं।
एडिशनल एसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर ने लोगों से कहा है कि वे किसी भी प्रकार के साइबर अपराध की सूचना तुरन्त नजदीकी पुलिस थाना व राज्य साइबर अपराध थाना शिमला में दें ताकि समय रहते कारवाई की जा सके।