खाद्य वस्तुओं, पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती कीमतों को कम करने की मांग



शिमला
माकपा ने आसमान छू रही महंगाई व गैस के दामों में वृद्धि करने को लेकर वीरवार को शिमला में जिलाधीश कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। माकपा ने खाद्य वस्तुओं, पेट्रोल, डीजल, एलपीजी के दाम पर नियंत्रण न करने की सूरत में आंदोलन को ओर उग्र करने की चेतावनी दी है।
माकपा नेता बाबूराम ने कहा है कि केंद्र व प्रदेश सरकार की नवउदारवादी व गरीब विरोधी नीतियों ने आम लोगों की कमर तोडक़र रख दी है।
रसोई गैस की कीमतों में बेतहाशा बढ़ौतरी की जा चुकी है। सस्ता गैस सिलेंडर देने के वायदे के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार ने इसकी कीमत 1000 रुपए पहुंचा दी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2014 की तुलना में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है और भारत में पेट्रोल पहले ही सेंक्चुरी लगा चुका है। अब डीजल भी शतकवीर होने को तैयार है। इन दिनों शिमला में डीजल की कीमत 88 रुपए हो गई है।
उन्होंने कहा कि सरसों का तेल बाजार में 180 रुपए व डिपुओं में 160 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। डिपुओं में दालों की कीमतों में हाल फिलहाल 10 रुपए की वृद्धि की गई है।
पिछले महीने की अपेक्षा इस महीने डिपुओं में आटा की मात्रा 14 किलो से घटाकर 11 किलो कर दिया गया है। माकपा मांग की है कि पेट्रोल, डीजल व खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कटौती की जाए।
उन्होंने रसोई गैस पर सब्सिडी बढ़ाने और राशन डिपुओं में दालों, तेल व खाद्य वस्तुओं की कीमतों में की गई वृद्धि को वापिस लेने की मांग की है।