बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने खुले में सेब बेचने की दी थी नसीहत

शिमला | टीएनआर
हिमाचल के बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर बागवानों के निशाने पर आ गए हैं। उन्होंने बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान सेब को क्रेट में बेचने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि खुले में सेब बेचने से कार्टन, ग्रेडिंग और पैकिंग पर होने वाला खर्च बच सकेगा। इससे गुस्साए बागवान तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यहां तक कि बागवानी मंत्री से विभाग को वापस लेने और कैबिनेट से उन्हें बाहर करने की मांग उठने लगी है।
प्रोग्रेसिव ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेंद्र बिष्ट ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि महेंद्र सिंह ठाकुर से बागवानी विभाग को वापस लेकर अपने पास रखें। इससे 70 लाख प्रदेशवासियों के ऊपर अतिरिक्त खर्चा नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बागवान सेब के रेट न मिलने से पहले ही परेशान हैं और बागवानी मंत्री दो सप्ताह तक गायब रहे। जब वह मीडिया में सामने आए तो उन्होंने बागवानों की पीड़ा को और बढ़ाने वाली प्रतिक्रिया दी है। बिष्ट ने सवाल किया है कि यदि खुले में सेब बेचने में मुनाफा है, तो बीते तीन महीनों से सरकार ने इसके इंतजाम क्यों नहीं किए ? राज्य सरकार जून से लेकर क्रेट में से बेचने का ढिंढोरा पीटते रही, लेकिन एक भी मंडी में क्रेट में सेब बेचने की व्यवस्था नहीं की गई।
यही वजह है कि निजी घराने चांदी कूट रहे हैं और बागवानों को उनकी उपज का लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा। संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने भी बागवानी मंत्री के बयान की निंदा की है।
बागवानी मंत्री मानसिक संतुलन खो चुके : चौहान
संयुक्त किसान मंच के सदस्य एवं बागवान संजय चौहान ने कहा कि अदानी और लदानी के प्रभाव से शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और बागवानी विकास मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर मानसिक संतुलन खो चुके हैं। उन्होंने दोनों मंत्रियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार ने आजादी के सात दशक से भी अधिक समय में राज्य में पैदा होने वाले सेब की एक फ़ीसदी फसल को भी भंडारित करने के लिए सीए स्टोर नहीं बनाए और अब मंत्री क्रेट में बेचने की बात कह रहे हैं।