केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार पर डाली जिम्मेदारी तो मुख्यमंत्री ने भी दिया जवाब
सौरभ सूद, धर्मशाला
हिमाचल में अधूरे केंद्रीय प्रोजेक्ट्स पर केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आमने-सामने आ गए हैं। बीते रविवार को अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के धर्मशाला में पड़ाव के दौरान प्रेस वार्ता में रेल, सड़क, हवाई अड्डे के विस्तार, स्पोर्ट्स एक्सिलेंस सेंटर आदि सालों से अधूरे पड़े बड़े प्रोजेक्ट्स बारे पूछे सवाल पर अनुराग ने गेंद जयराम सरकार के पाले में डालते हुए कहा था कि जब तक राज्य सरकार जमीन व अपने हिस्से की फंडिंग नहीं देगी, केंद्र सरकार इन प्रोजेक्ट्स को आगे कैसे बढ़ाएगी।
अनुराग के इस बयान पर अगले ही दिन यानी सोमवार को पालमपुर पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अप्रत्यक्ष रूप से अनुराग को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार से फाइनल अप्रूवल व फंड मिलने के बाद ही राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण सहित अन्य औपचारिकताओं को पूरा कर सकती है।
अनुराग व जयराम में पहले हो चुकी है तनातनी
मुख्यमंत्री जयराम व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर में पहले भी देहरा में सेंटर यूनिवर्सिटी के निर्माण, सड़कों की हालत व माता बगलामुखी मंदिर ट्रस्ट के मसले पर तनातनी हो चुकी है, जब बीते साल दोनों नेताओं ने भरी सभा में एक दूसरे के खिलाफ शब्द बाण छोड़े थे। दोनों के बीच सियासी शीत युद्ध को राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने तुरन्त हस्तक्षेप कर शांत करवाया था। जयराम राज में धूमल समर्थकों की अनदेखी के आरोप भी सरगर्म रहे हैं।
कर्ज के सहारे चल रहे हिमाचल की मजबूरी
कोई भी सरकार हो, अपने संसाधनों के बूते विकास की रफ्तार आगे बढ़ाने में असमर्थ पहाड़ी राज्य हिमाचल को हमेशा कर्ज़ की बैसाखियों का सहारा लेना पड़ता है। इस समय हिमाचल पर 61000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। ऐसे में विकास के लिए बहुत कम धन बचता है। राज्य सरकार हर बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए केंद्र सरकार की सहायता पर निर्भर है।
फंडिंग के अभाव में रुके अहम प्रोजेक्ट्स
कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार, ऊना-हमीरपुर रेल लाइन, ऊना तलवाड़ा रेल लाइन, 69 हाइवेज व पठानकोट मंडी फोरलेन का निर्माण, पठानकोट जोगिंद्रनगर ब्रॉडगेज रेल लाइन, पोंग जलाशय में जलक्रीड़ा केंद्र, धर्मशाला में सेंट्रल यूनिवर्सिटी का कैंपस निर्माण आदि कई बड़े प्रोजेक्ट केंद्र से फंडिंग या जरूरी मंजूरियों के न मिलने के चलते कई वर्षों से अटके पड़े हैं।
अपने संसाधन व फंड देखकर जमीन अधिग्रहण
राज्य सरकार अपने मौजूदा संसाधनों व फंड देखकर बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन अधिग्रहण कर रही है। यह साफ होना चाहिए कि केंद्र से जो प्रोजेक्ट आ रहे हैं, उनकी स्टेज क्या है। उनकी अंतिम स्वीकृति मिली है या नहीं।
– जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री, हिमाचल