लाहौल-स्पीति दौरे में मंत्री मारकंडा व जवाहर ठाकुर में धक्का-मुक्की ने कराई किरकिरी

विशेष संवाददाता उदयपुर (लाहौल-स्पीति)
क्या अफसर और सरकार के मंत्री व भाजपा के नेता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पद की गरिमा का लिहाज नहीं रख रहे हैं।
कुल्लू में कुछ समय पहले मुख्यमंत्री के सामने पुलिस के आला अधिकारियों के बीच थप्पड़ कांड के बाद अब मुख्यमंत्री के लाहौल स्पीति के दौरे के दौरान तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा और भाजपा एसटी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जवाहर शर्मा के बीच आपस में कहासुनी के बाद धक्कामुक्की की घटना से भाजपा की खासी किरकिरी हो रही है।
सोशल मीडिया पर भी इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है। हालांकि इस पूरे मामले पर सीएम ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
दोनों नेता एक-दूसरे को ठहरा रहे जिम्मेदार
जवाहर शर्मा का दावा है कि एसटी मोर्चा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मुख्यमंत्री के पक्ष में नारेबाजी कर रहे थे, उसी दौरान मंत्री रामलाल मारकंडा ने उन्हें धक्का मार दिया।
उधर, मंत्री रामलाल मारकंडा ने कहा कि उन्हें किसी ने पीछे से खींचा था। इस दौरान जवाहर शर्मा उनके आगे आ गए और मैंने उन्हें पीछे हटने को कहा।
मुख्यमंत्री के सामने में सूली पर अनुशासन
मुख्यमंत्री का पद संविधानिक तौर पर गरिमा का पद होता है। एक माह पहले कुल्लू में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री के सामने 2 बड़े पुलिस अधिकारियों का भिड़ना व फिर अधीनस्थ कर्मचारियों के दुस्साहस ने सरकार की खासी किरकिरी करवाई थी।
अब लाहौल की घटना से साफ है कि शक्ति प्रदर्शन की होड़ में मंत्री व भाजपा के नेता अपने सादगी पसन्द व मृदुभाषी मुख्यमंत्री का भी लिहाज नहीं रखकर सरकार की किरकिरी करवा रहे हैं।
कुल्लू कांड में तो दोषी अफसर सस्ते में छूट गए। अब देखना यह है कि लाहौल की घटना पर मुख्यमंत्री व पार्टी की क्या प्रतिक्रिया रहती है।
मुख्यमंत्री की अफसरशाही व मंत्रियों पर पकड़ नहीं : मुकेश अग्निहोत्री
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम की अफसरशाही व अपने मंत्रियों व नेताओं पर जरा भी पकड़ नहीं है।
कुल्लू व अब लाहौल जैसी घटनाओं से मुख्यमंत्री पद की गरिमा को आघात पहुंचता है।
अति उत्साह में हो जाती हैं ऐसी घटनाएं : रणधीर शर्मा
भाजपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कहा कि पार्टी नेताओं में अति उत्साह के कारण ऐसी छोटी मोटी घटनाएं हो जाती हैं।
इसका अर्थ यह नहीं कि मुख्यमंत्री की पार्टी, मंत्रियों या अफसरों पर पकड़ नहीं है।