भारत की पाकिस्तान पर ऐतिहासिक विजय के 50 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री
स्वर्णिम विजय वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री ने मंडी के सेरी मंच में ग्रहण की विजय मशाल

शिमला । टीएनआर
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को मंडी के सेरी मंच में पाकिस्तान पर भारत की ऐतिहासिक विजय के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे स्वर्णिम विजय वर्ष पर विजय मशाल को ग्रहण किया। विजय मशाल यात्रा के स्वागत के लिए ऐतिहासिक सेरी मंच को आकर्षक ढंग से सजाया गया।
इस अवसर पर लोगों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक विजय के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल 1971 में पाकिस्तान पर भारत की शानदार विजय की याद दिलाता है, बल्कि यह बांग्लादेश के जन्म की कहानी भी बताता है। यह विजय भारतीय सैनिकों के सामरिक कौशल और वीरता का जीता-जागता दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 16 दिसम्बर, 2020 को विजय मशाल जलाकर स्वर्ण विजय वर्ष समारोह आरम्भ किया गया और तब से विजय मशाल देशभर की यात्रा कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल को वीरभूमि का गौरव दिलाने में प्रदेश के वीर सपूतों ने अभूतपूर्व योगदान दिया है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से हिमाचल के लगभग 1700 वीरों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। प्रदेश के जवानों की वीरता इस बात से प्रदर्शित होती है कि राज्य के सपूतों को 4 परमवीर चक्र, 2 अशोक चक्र, 11 महावीर चक्र और 23 कीर्ति चक्र मिले हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के कुल 1111 सैनिकों को विभिन्न पदको से सम्मानित किया गया है।
युद्ध शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया

सीएम ने 1971 के युद्ध शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित किया। उन्होंने साइकिलिंग अभियान को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री और लेफ्टिनेंट जनरल पी.एन. अनंथा नारायणन ने मंडी में शहीद स्मारक का दौरा किया और शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।16वीं राइजिंग स्टार काॅर्पस योल के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल पी.एन. अनंथा नारायणन ने कहा कि पाकिस्तान के साथ 1971 का युद्ध भारत के लिए निर्णायक क्षण था क्योंकि इस युद्ध द्वारा भारत ने पाकिस्तान पर अपना वर्चस्व स्थापित किया था।
1971 के भारत-पाक युद्ध में प्रदेश के 261 वीरों ने दी थी अपने प्राणों की आहुति
जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान हिमाचल के 261 वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने कहा कि राज्य में आज 121944 भूतपूर्व सैनिक, 923 वीर नारियां और 36731 अन्य सैन्य विधवाएं हैं। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान हिमाचल के 52 वीरों ने अपने प्राणों की आहुति देकर राज्य को गौरवान्वित किया था। इस युद्ध के दौरान राज्य के सैनिकों ने 2 परमवीर चक्र, 6 वीर चक्र और 12 सेना पदक और एक मेंशन-इन-डिस्पैच प्राप्त किया।