एचआरटीसी की बस और एक छोटी गाड़ी अभी भी मलबे में दबी हुई
एचआरटीसी की बस के अलावा एक टिप्पर, एक टाटा सुमो और दो अन्य गढ़िया भूस्खलन की चपेट आई


शिमला
जनजातीय जिला किन्नौर के बुधवार को दर्दनाक हादसा पेश आया। न्यूगलसेरी में पहाड़ का बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर गिरने से एचआरटीसी की एक बस समेत एक टाटा सूमो कार, एक ट्रक और दो छोटे वाहन मलबे में दब गए।
भूस्खलन की इस घटना में अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है जबकि तेरा लोग सुरक्षित रेस्क्यू किए गए। स्थानीय प्रशासन भूस्खलन की जानकारी मिलते ही एनडीआरएफ आइटीबीपी पुलिस जवानों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गया लेकिन काफी देर तक पहाड़ से पत्थर गिरने की वजह से राहत एवं बचाव कार्य में देरी हुई।
एचआरटीसी की बस चालक के मुताबिक जिस जगह पर भूस्खलन हुआ है। दरअसल वहां से 100 मीटर आगे पत्थर गिर रहे थे। इसे देखते हुए बस को 100 मीटर पहले ही रोक दिया।
चालक और परिचालक दोनों उस जगह जा रहे थे,जहां पहले पत्थर गिर रहे थे। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था और देखते ही देखते उस जगह भूस्खलन हो गया, जहां पर रिकांगपिओ से हरिद्वार जा रही बस को चालक ने खड़ा कर रखा था।
इसके अलावा कुछ और वाहन भी वहां पर खड़े थे, जो डाक गिरने पर मलबे की चपेट में आ गए।
तकरीबन रात 10 बजे तक चले राहत एवं बचाव कार्य में 13 यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा सका है, जिनका उपचार भावनगर अस्पताल में चल रहा है।
एचआरटीसी की बस और उसमें सवार यात्रियों का कोई सुराग नहीं लग पा रहा हालांकि दोपहर बाद तक कुछ यात्री अपने मलबे में दबे होने की सूचना फोन के जरिए देते रहे। मोबाइल बंद होने पर अब फोन आने भी बंद हो गए। बस में 25 से 30 वारियां होने का अंदेशा है।
टाटा सुमो में सवार 8 लोगों की मृत्यु
भूस्खलन केेे बाद मौके पर से एक यात्री वाहन टाटा-सुमो को रिकवर कर लिया गया हैैैै जिसमें सवार 8 यात्री मृत पाए गए। इनका भवन नगर अस्पताल में पोस्टमार्टम किया जा रहा है। भूस्खलन की जद में आया ट्रक नदी की ओर गिर गया। इसके चालक का शव मत कर लिया गया है।
इन लोगों की गई जानराज्य आपदा प्रबंधन के मुताबिक रोहित, पुत्र सेजराम, किया गांव, विजय कुमार पुत्र जगदीश चंद सुजानपुर, मीना देवी, पत्नी चंद्र प्रकाश नानस्पो किन्नौरनिशिता पुत्री प्रीतम सिंह निचार किन्नौर, प्रेम कुमारी पत्नी सनम पूह किन्नौर,कमलेश कुमार पुत्र शिव राम रिचुटा सोलन, वंशुका पुत्री विपन सपनी सांगला,
ज्ञान चंद पुत्र धर्मसुख पेलिंगी निचार और राधिका काफनू किन्नौर की इस हादसे में मृत्युुुु हुई है।
मलबे मेंं दबे प्रशांत पुत्र तिलक राज ऊना, वरुण पुत्र सतीश चंद ऊना, राजेंद्र पुत्र रमेश सुजानपुुर, दोलठ अभीचंद निचार, चरणजीत सिंह पुत्र गुरुदयाल सिंह फतेहपुर साहिब पंजाब, मोहेंद्र पाल पुत्र मुशी राम बिलासपुर, गुलाब सिंह पुत्र जाकीराम मंडी, सवीन शर्मा नेपाल, जपती देवी पत्नी कर्मा नंद रामपुर और शमु राम पूह किन्नौर को रेस्क्यूू कर भावनगर अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया।
चीख पुकार में तब्दील हुआ घटनास्थल और अस्पतालभूस्खलन की सूचना जैसे ही मलबे में दबे लोगों के परिजनों को मिली।
उसके बाद घटनास्थल और अस्पताल में चीख-पुकार का दौर शुरू हो गया। परिजन अपनों को तलाशते रहे, लेकिन शाम तकरीबन 10:00 बजे अंधेरे के कारण पानी के खिसकने के डर से रेस्क्यू ऑपरेशन को बंद करना पड़ा। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है अब वीरवार सुबह ही राहत एवं बचाव कार्यो फिर से शुरू होने की उम्मीद है।
पीएम ने जताया खेद किन्नौर में भूस्खलन की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दुख जताया है उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को फोन करके हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।