

शिमला-रोहड़ू मार्ग पर पब्बर नदी के दाहिने किनारे पर धान के खेतों के बीच माता हाटकोटी का प्रसिद्ध व प्राचीन मंदिर लगभग 1370 मीटर
की उंचाई पर स्थित है।
महिषासुर मर्दिनी माता हाटकोटी के पुरातन मंदिर में वास्तुकला, शिल्पकला के उत्कृष्ठ नमूनों के साक्षात दर्शन होते हैं। कहते हैं कि यह मंदिर 10वीं शताब्दी के आसपास बना है।
इसमें माता की दो मीटर ऊंची कांस्य की प्रतिमा तोरण सहित विद्यमान है। इसके साथ ही शिव मंदिर है जहां पत्थर पर बना प्राचीन शिवलिंग है। द्वार को कलात्मक पत्थरों से सुसज्जित किया गया है।
छत लकड़ी से निर्मित है, जिस पर देवी देवताओं की अनुकृति बनाई गई हैं। मंदिर के गर्भगृह में लक्ष्मी, विष्णु, दुर्गा, गणेश आदि की प्रतिमाएं हैं।
इसके अतिरिक्त यहां मंदिर के प्रांगण में देवताओं की छोटी-छोटी मूर्तियां हैं। बताया जाता है कि इनका निर्माण पांडवों ने करवाया था।