9 लोगों की मौत, 7 लापता, 2 घायल
5 एनएच और 387 सडक़े बंद
40 मकानों और 32 गौशालाओं को नुकसान
345 विद्युत ट्रांसफार्मर और 175 पेयजल योजनाएं पड़ी ठप्प
अब तक 502 करोड़ की सरकारी व निजी c

शिमला
हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश के बाद जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अधिकतर इलाकों में मंगलवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश से 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 7 लोग लापता बताए जा रहे है। लाहौल-स्पीति के तौजिंग नाले में बह जाने से 7 लोगों की मौत और 3 लोग लापता हो गए। चंबा में जेसीबी हेल्पर और सलूणी में एक व्यक्ति की नाले में बह जाने से मौत हो गई। दोनों के शव बरामद कर लिए गए है।
कुल्लू में बुधवार सुबह के वक्त 26 वर्षीय एक महिला अपने चार साल के मासूम बेटे के साथ पार्वती के ट्रिब्यूटरी नाले में बह गई। मणिकरण के ब्रम्ह नाले में एक महिला सहित 2 अन्य व्यक्ति बह गए। इन्हें खोजने के लिए तलाशी अभियान जारी है। उधर,चंबा के चनेड में मंगलवार देर रात बारिश के बाद 6 दुकानें मलबे में दब गई। मौजूदा मानसून सीजन में विभिन्न कारणों से मरने वालों की संख्या 202 हो गई है।
अब तक 502 करोड़ की संपत्ति तबाहबरसात के के कारण 502.58 करोड़ की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो गई है। इनमें अकेले पीडब्ल्यूडी की 347 करोड़, जल शक्ति विभाग की 140 करोड़ और विद्युत बोर्ड की 57.99 करोड़ की संपत्ति बर्बाद हो चुकी है।
कई क्षेत्रों में जल भराव से घरों व खेतों में घुसा पानी
ऊना, सिरमौर, हमीरपुर, कांगड़ा के कई क्षेत्रों में लोगों के घरों व खेतों में पानी भर गया। शिमला, कुल्लू और किन्नौर जिला में सेब बगीचों को नुकसान हुआ है। अलग-अलग क्षेत्रों में 40 से अधिक गाडिय़ां मलबे में दब गई।
175 पेयजल योजनाएं प्रभावित
नदी-नालों में गाद और बाढ़ के कारण 175 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई है। इससे लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पानी नहीं मिल रहा। बारिश के बाद कई विद्युत लाइनों पर पेड़ गिर गए। इससे 345 विद्युत ट्रांसफॉर्मर बंद हो गए है।
5 एनएच और 387 सडक़े रही बंद
बारिश के बाद एनएच 154-ए भरमौर-चंबा, एनएच 05 चंडीगढ़-शिमला-किन्नौर, एनएच 305 सैंज-लूहरी, एनएच ठियोग-रोहड़ू और एनएच 21 मंडी-कुल्लू जगह-जगह बंद रहा। सरकार का दावा है कि सभी एनएच दोपहर तक बहाल कर दिए गए है। विश्व धरोहर शिमला-कालका रेल मार्ग भी बारिश के बाद बुधवार को बड़ोग में पेड़ गिरने से प्रभावित रहा। इसी तरह 387 संपर्क मार्ग भी बंद पड़े है। सडक़े बंद होने से किसानों-बागवानों को अपनी तैयार फसल मंडियों तक पहुंचाना मुश्किल हो गया है। इससे राज्यभर में बुधवार को 250 से अधिक रूटों पर बस सेवाएं भी बाधित रही।
नदी-नालों के समीप न जाने की एडवाइजरी
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मौसम विभाग की आगामी तीन-चार दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए सैलानियों और स्थानीय लोगों से उफनते हुए नदी-नालों के समीप न जाने की एडवाइजरी जारी की है। लोगों की जरा सी चूक उनकी जान पर भारी पड़ सकती है। इसी तरह भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में भी न जाने की अपील की गई है।