Sunday, May 28, 2023

Public Portal Access Please Login/Register

This page is restricted. Please Login / Register to view this page.
HomeHindiबाढ़ में लापता 7 लोगों का दूसरे दिन भी नहीं लगा सुराग

बाढ़ में लापता 7 लोगों का दूसरे दिन भी नहीं लगा सुराग

कुल्लू में 4 और लाहौल स्पीति में 3 लोग लापता, रेस्क्यू जारी

बीते 24 घंटे के दौरान बारिश से 84 घरों और 35 गौशालाओं को नुकसान

 बरसात से 517.03 करोड़ की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह

 प्रदेशभर में 91 सड़कों पर दूसरे दिन भी बाधित रही वाहनों की आवाजाही 

शिमला 

कुल्लू और लाहौल स्पीति में बाढ़ में लापता 7 लोगों का वीरवार को भी कोई सुराग नहीं लग पाया।

आईटीबीपी, बीआरओ और स्थानीय प्रशासन ने लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रखा है। कुल्लू में 4 और लाहौल स्पीति में 3 लोग लापता है।

बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेशभर में 84 घरों और 35 गौशालाओं को बारिश से नुकसान हुआ है। मौजूदा मॉनसून सीजन में अब तक 564 लोगों के आशियाने बारिश से क्षतिग्रस्त हुए है।

94 सड़कों पर बाधित रही वाहनों की आवाजाही

बारिश के कारण एनएच -05 कालका-शिमला सहित 94 सड़कों पर दूसरे दिन भी वाहनों की आवाजाही बाधित रही। सोलन के ब्रुरी में भूस्खलन के कारण कई घंटे तक एनएच-05 बंद रहा।

इसके बाद यातायात को कंडाघाट-बसाल-चंबाघाट वैकल्पिक मार्ग से चलाया गया। सड़के बंद होने से लोगों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हो रही है। खासकर सेब की ढुलाई पर सबसे बुरा असर पड़ रहा है। 

2020 की तुलना में 2021 में अधिक लोगों की भूस्खलन से गई जान


राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक बीते साल के मॉनसून सीजन की तुलना में इस बार भूस्खलन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

वर्ष 2020 में भूस्खलन से 19 लोगों की जान गई थी। इस बार अभी तक 21 लोगों की जान भूस्खलन से जा चुकी है। 9 लोग लापता है। अभी मानसून सीजन आधा भी नहीं बीता है।

यानी इस साल की बरसात अधिक जानमाल का नुकसान कर रही है। वहीं 2019 में भूस्खलन से 43  लोगों की मौत और सात लोग लापता हुए थे। 

इस साल बादल फटने की 9 घटनाएं आ चुकी पेश

राज्य में इस बार बादल फटने की 9 घटनाएं पेश आ चुकी है। इनमें 7 बार लाहौल स्पीति और 2 जगह चंबा में बादल फटे है।

बादल फटने और भारी बारिश से अब तक 517 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो गई है। इससे सबसे अधिक नुकसान सड़कों एवं पुलों को हुआ है।

कई जगह तो सड़कों का नामों निशान ही मिट गया है।‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ अकेले पीडब्ल्यूडी का नुकसान बढ़कर 339 करोड़ हो गया है। 

पेयजल सप्लाई पर बुरा असर

मूसलाधार बारिश के बाद नदीनाले उफान पर है। इससे जल शक्ति विभाग और लोगों के निजी पेयजल योजनाओं को बहुत नुकसान हुआ है।

राज्यभर में 300 से अधिक पेयजल योजनाएं ठप पड़ी है। नदी नालों में गाद के कारण पानी पीने योग्य नहीं है। इससे लोगों को बरसात में भी पेयजल के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

इसी तरह लाहौल स्पीति, कुल्लू, चंबा और मंडी जिला में 96 विद्युत ट्रांसफार्मर ठप्प होने से सैकड़ों लोग दो दिन से अंधेरे में है। 

मौसम विज्ञान केंद्र ने फिर जारी की चेतावनी

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आगामी 2 अगस्त तक ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए लोगों को नदी नालों आसपास में जाने की सलाह दी है।

इस दौरान कुछेक क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है। पहाड़ी क्षेत्रों में केयरफुली होकर वाहन चलाने को कहा गया है। 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments