पुल टूटने के बाद सांगला में फंसे 100 सैलानियों को किया जा रहा रेस्क्यू: सीएम
पहाड़ी के दरकने के कारणों का पता लगाएगी जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम

शिमला
किन्नौर के बटसेरी में भूस्खलन के बाद किन्नौर-सांगला सडक़ पूरी तरह वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है। इस वजह से सांगला में तकरीबन 100 सैलानी फंसे हुए है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि सांगला में फंसे सैलानियों को रेस्क्यू किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भूस्खलन से मृत 8 सैलानियों के शवों का पोस्टमार्टम करके दिल्ली स्थित हिमाचल भवन के लिए भेज दिया गया है। जहां आवासीय आयुक्त शव मृतकों के परिजनों को सौंपेंगे।
हादसे में जान गंवाने वाले नेवी के लेफ्टिनेंट अमोच बापत का शव कड़छम स्थित सेना के अधिकारियों को सौंपा गया है।
वहीं इस हादसे के तीनों घायलों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। पी.डब्ल्यू.डी. महकमे द्वारा जब तक सडक़ पर वाहनों की आवाजाही को हरी झंडी नहीं मिल जाती, तब तक एहतियातन किन्नौर-सांगला सडक़ को बंद रखा जाएगा।
भूविज्ञान विभाग लगाएगा हादसों के कारणों का पता
उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन के मुताबिक बटसेरी में पहाड़ी से भूस्खलन के कारणों का पता भूविज्ञानी लगाएंगे। इसके लिए जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम बुला ली गई है। इसके मंगलवार तक सांगला पहुंचने की उम्मीद है।
नदी-नालों के समीप न जाए सैलानी: सीएम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की चेतावनी के दृष्टिगत सैलानियों और स्थानीय लोगों को उफनते हुए नदी-नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी है। प्रदेश में अगले चार दिन तक भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं 27 और 28 जुलाई को रेड अलर्ट जारी किया गया है।
3 एन.एच. सहित 220 सडक़े बंद
प्रदेश के अधिकतर इलाकों में रविवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश के बाद 3 एनएच 200 से अधिक सडक़ों पर वाहनों की आवाजाही बंद है। इससे लोगों की आवाजाही पर बुरा असर पड़ा है।
150 से अधिक रूटों पर बस सेवाएं प्रभावित हुई है। सडक़े बंद होने से सेब की तैयार मंडियों तक पहुंचाना मुश्किल हो गया है। मौजूदा मानसून सीजन में विभिन्न विभागों की 410 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति, पीडब्ल्यूडी 272
करोड़, जल शक्ति विभाग की 115 करोड़, विद्युत बोर्ड की 29 करोड़ से अधिक की संपत्ति और तबाह हो गई है।
190 लोगों की जा चुकी है जान
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक प्रदेश में मौजूदा मानसून सीजन के दौरान विभिन्न कारणों से 190 लोगों और 381 मवेशियों (एनीमल) की जान जा चुकी है। इनमें 21 की मौत भूस्खलन, 19 की पानी में डूबने, 2 की अग्निकांड, 7 की सांप के काटने, 3 की विद्युत करंट लगने, 4 की ऊंचाई से गिरने, 33 की अन्य कारणों से जान गई है।