शिलमा के पुराना बस अड्डे में की हड़ताल, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
आरएम की ट्रांसफर रद्द न करने पर शनिवार को प्रदेशभर में हड़ताल करने की दी चेतावनी
शिमल लोकल में शुक्रवार दोपहर बाद नहीं चली सरकारी बसें, लोग रहे परेशान

शिमला
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ढली के आरएम देवासेन नेगी की ट्रांसफर पर शिमला में बवाल हो गया है।
आरएम के ट्रांसफर ऑर्डर की सूचना मिलते ही निगम के चालक-परिचालक भड़क उठे। दोपहर बाद उन्होंने शिमला के पुराना बस अड्डे में हड़ताल शुरु कर दी।
इसके बाद शाम तक शिमला में एचआरटीसी की बसे नहीं चली।एचआरटीसी ड्राइवर एसोसिएशन के प्रधान मान सिंह ने बताया कि आरएम का तबादला निजी बस ऑपरेटरों के दबाव में किया गया है।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को केवल शिमला में ही सरकारी बसे नहीं चली। यदि आरएम के तबादला आदेश रद्द नहीं किए गए तो शनिवार को प्रदेशभर में हड़ताल की जाएगी। शिमला में हड़ताल के दौरान निगम कर्मियों ने प्रदेश सरकार और एचआरटीसी के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
यहां से उपजा विवादयह विवाद बस रूट के कारण उपजा है। दरअसल, बीते दिनों शिमला में एक निजी बस ऑपरेटर ने आरएम देवासेन नेगी को फोन किया और कहा कि उसकी बस के पीछे सरकारी बस क्यों भेजी जा रही है। इस बातचीत का ऑडियो भी कुछ दिन पहले सोशल मीडिया में वायरल हुआ।
इसके बाद निजी बस ऑपरेटर आरएम के खिलाफ लामबंद हुए और अधिकारी के तबादले के लिए दबाव बनाया।एचआरटीसी कर्मियों ने पहले भी दे दी थी चेतावनीएचआरटीसी कर्मचारियों ने ऑडियों वायरल होने के बाद ही निजी बस संचालकों को चेतावनी दे दी थी कि उनके अधिकारी के खिलाफ अनाप-शनाप बयानबाजी और धमकी बंद करें।
फिर भी आरएम का तबादला कर दिया गया है। इससे टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। विवाद बढ़ने के बाद निगम के अधिकारी फोन बंद करके बैठ गए है।
पुराना बस अड्डे में निजी बसों की एंट्री की बंद
राजधानी स्थित पुराना बस अड्डे ने निगम कर्मचारियों ने निजी बसों की एंट्री भी रोक दी, जबकि ऊपरी शिमला से आने वाली कुछ बसे इसी बस स्टेंड में सवारियां उतारती है।
इसी तरह आईएसबीटी, टुटू, तारादेवी, शोघी, बालूगंज, समरहिल, लक्कड़ बाजार को भी यही से निजी बसे चलती है, लेकिन निगम कर्मियों की हड़ताल के बाद निजी बसे बस अड्डे में एंटर नहीं हुई।
यात्री हुए परेशान
दोपहर बाद जैसे ही निगम कर्मियों को आरएम की ट्रांसफर की भनक लगी, उन्होंने शिमला में सरकारी बसें खड़ी कर दी। इसके बाद लोग दिनभर बसों के लिए परेशान रहे। कुछ लोग मजबूरन पैदल चलकर अपने गंतव्य तक पहुंचे तो कुछ निजी बसों से भी अपने घर गए।