किन्नौर ने अमेजॉन के साथ किया करार
अमेजॉन ने ठियोग के बलग में खोला पहला कलेक्शन सेंटर

हिमाचली सेब अब अमेजॉन भी खरीदेगा। इसी मकसद से अमेजॉन ने ठियोग के बलग में पहला कलेक्शन सेंटर खोल दिया है। सेब के अलावा फूलगोभी की भी अमेजॉन खरीद करेगा। कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) शिमला-किन्नौर ने इसे लेकर अमेजॉन के साथ करार कर लिया है।
यह बात रविवार को शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में एपीएमसी शिमला-किन्नौर के चेयरमैन नरेश शर्मा ने कहीं। नरेश शर्मा ने कहा कि बलग के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी अमेजॉन कलेक्शन सेंटर खोलेगा।
इनके जरिए बागवानों से सेब खरीदा जाना है। उन्होंने कहा कि कोरपोरेट घरानों को सेब की खरीद के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में एपीएमसी काम कर रहा है।
इसी का नतीजा है कि बिग बास्केट, वालमार्ट, रिलायंस, एग्री फ्रेश, नामधारी और सफल जैसी कंपनियां हिमाचली सेब खरीद रही है। इनके आने से सेब खरीददारों में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। इससे बागवानों को सेब के अच्छे दाम मिल रहे हैं।अधिकतर निजी घराने सीजन के दौरान बागवानों से सेब खरीदते हैं और ऑफ सीजन यानी जनवरी से मार्च-अप्रैल के मघ्य तकरीबन दो से अढ़ाई गुणा अधिक दाम पर बेचते है।
इससे सेब के बाजार भाव नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है। कुछ निजी घराने सेब खरीदने के लिए सीधे हिमाचली बागवानों के पास पहुंच रहे है।
सेब पैकिंग को पहली बार क्रेट लांचएपीएमसी चेयरमैन ने कहा कि बागवानों की मांग पर राज्य में पहली बार सेब के लिए क्रेच लांच की गई है।
वन टाइम इस्तेमाल होने वाली इस क्रेट का भाव 90 रुपए प्रति पेटी होगा। 45 रुपए कीमत बागवानों को देनी होगी, जबकि इतना ही पैसा कमीशन एजेंट को भरना होगा। बाजार में इनकी उपलब्धता मार्केट बोर्ड और एपीएमसी सुनिश्चित करेगा।
प्लास्टिक क्रेच से बागवानों को फायदा होगा। वर्तमान में कार्टन महंगा होने से बागवानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है और इसकी सारी लागत बागवानों को ही उठानी पड़ती है।
एशिया में मशहूर है यह क्षेत्रजिला शिमला का ठियोग क्षेत्र फूलगोभी और दूसरी बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन के लिए एशिया में मशहूर है।
ऐसे में अमेजॉन द्वारा फूलगोभी की खरीद का क्षेत्र के किसानों को लाभ मिलेगा। इसके बाद शिमला जिला का सेब और फूलगोभी सीधे अमेजॉन पर जाकर लोग ऑनलाइन ऑर्डर भी कर सकेंगे।